भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से अपने भारी रॉकेट भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ09 के माध्यम से दक्षिण एशियाई संचार उपग्रह जीसैट-9 का प्रक्षेपण करेगा। इसरो के सूत्रों ने बताया कि रॉकेट में ईंधन भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रक्षेपण के लिए 28 घंटे लंबी उल्टी गिनती गुरुवार अपराह्न 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो गई। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण एशियाई संचार उपग्रह जीसैट-9 पाकिस्तान को छोड़कर भारत के अन्य पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान, मालदीव, बंगलादेश, श्रीलंका और अफगानिस्तान को अपनी सेवाएं देगा। अधिकारी ने बताया कि 2230 किलोग्राम के इस उपग्रह की सेवाएं अन्य देश भी ले सकेंगे।

उपग्रह जीसैट-9 को शुक्रवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से 4 बजकर 57 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा। यह उपग्रह बारह वर्षों तक अपनी सेवाएं दे सकेगा। उपग्रह का प्रक्षेपण भारी रॉकेट भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ09 के माध्यम से किया जाएगा। पचास मीटर ऊंचे इस रॉकेट के प्रक्षेपण में क्रॉयोजेनिक इंजन के उन्नत संस्करण का उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने‘मन की बात’कार्यक्रम में दक्षिण एशियाई देशों के समूह के लिए इस उपग्रह के पांच मई को प्रक्षेपण किये जाने की जानकारी दी थी। जीसैट-9 का निर्माण इसरो के बेंगलुरु स्थित उपग्रह केन्द्र ने किया है। इस उपग्रह में 12 कू-बैंड के ट्रांसपांडर लगे होंगे।