44 करोड़ रूपये की लागत से बन रही 50 किमी सातशिलिंग-थल सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील होने के साथ ही विवादों के घेरेें में आ गई है। इस सड़क के लिए वर्ष 2014 में केन्द्रीय सड़क निधि राशि मिली थी, जिसे सड़क बनाने वाली कार्यदायी संस्था एशियन डेवलपमेंट बैंक ने मिट्टी में मिला दिए सड़क न तो मानकों के अनुसार चैड़ी की गई है। शासन ने वर्ष 2014 में स्वीकृत हुई सातशिलिंग थल सड़क को दिसंबर 2017 में पूरा करने का लक्ष्य है। इस सड़क पर वर्ष 2015 से काम शुरू हुआ, लेकिन इस सड़क पर गुणवता की जमकर अनदेखी की गई। इस सड़क की दुर्दशा सातशिलिंग से ही शुरू हो जाती है, मुवानी के पास रक्रबर क्षतिग्रस्त होने से बीच सड़क पर गड्डा पड़ने लगे है जिनमें हर समय दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। स्थानीय लोगों ने गड्डे के ऊपर पत्थर रख दिये है ताकि इससे हादसा न हो। इस घटिया काम का 70 फीसदी से अधिक का भुगतान हो चुका है।