अशोक कुमार झा 

जिला संवाददाता, रांची। सदर अस्पताल, रामगढ़ में मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद भी अल्ट्रासाउंड मशीन चालू नहीं होने पर मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल ने नाराजगी जाहिर की। कहा, कुछ लोग सही जांच के अभाव में मर जाएंगे, तब मशीन लगाएंगे क्या? गौरतलब है कि 26 सितंबर को मुख्यमंत्री ने सीधी बात कार्यक्रम में एक माह के भीतर सदर अस्पताल, रामगढ़ में खराब अल्ट्रासाउंड मशीन को दुरुस्त करने या नई लगाने का आदेश दिया था। वहां के उपायुक्त को मामले में व्यक्तिगत रुचि लेने को भी कहा था। लेकिन, सदर अस्पताल, रामगढ़ के अधीक्षक द्वारा नई मशीन खरीदने के मद में पैसा नहीं होने की बात कही गई। इस पर सचिव ने 31 अक्टूबर तक सभी औपचारिकता पूरी कर मशीन लगाने का निदेश दिया। वह मंगलवार को सूचना भवन में जनसंवाद में की गई शिकायतों पर कार्रवाई के लिए दिये गए आदेश व निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान कुल 12 मामलों की समीक्षा की गई।

पलामू के मनातु विद्युत उप केंद्र के दैनिक भोगी कर्मियों द्वारा मानदेय नहीं मिलने की शिकायत करने पर उन्हें विद्युत अधीक्षण अभियंता द्वारा काम से हटाने की धमकी को मुख्यमंत्री के सचिव ने गंभीरता से लिया। कहा, मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में शिकायत करने के नाम पर अगर अधिकारी कोई कार्रवाई करेंगे, तो वह भी नहीं बचेंगे। उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना होगा। दूसरी ओर रांची के अपर बाजार में लक्ष्मी दयाल की खतियानी जमीन पर हिस्सेदारों द्वारा बिना बंटवारा किए और बिना नक्शा पास कराए दुकान बनाने के मामले में रांची नगर निगम के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि औपचारिकता पूरी कर ली गई है। दो नवंबर को वहां चल रही दुकान को सील कर दिया जाएगा। वहीं सिमडेगा के कोलेबिरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लगभग तीन माह से अनुपस्थित डॉ. रौशन खलखो के मामले में बताया गया कि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है। जल्द ही उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी। इस मामले में मुख्यमंत्री ने 26 सितंबर को जांच कर नियमानुसार उनकी बर्खास्तगी का आदेश दिया था।

मुख्यमंत्री ने इस वर्ष 29 अगस्त को गोड्डा के मोतिया गांव में अगलगी की घटना से प्रभावित लगभग 30 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ और आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया था। इसकी समीक्षा में पाया गया कि आवास का लाभ देने में नियम का पेंच है। गोड्डा के अनुमंडलाधिकारी ने बताया कि प्रभावित परिवारों को भीमराव अंबेडकर आवास योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन जांच में पाया गया कि प्रभावित लोग इस योजना के लाभ के दायरे में नहीं आते हैं। उन्हें इसके दायरे में लाने की नियमावली बनाई जा रही है। गुमला में नक्सली हिंसा के शिकार बने रांची निवासी सहायक अभियंता अर्जुन प्रसाद के परिजन को अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने के मामले में बताया गया कि अनुकंपा समिति ने नियुक्ति की अनुशंसा कर दी है। मामले में चार साल के विलंब पर मुख्यमंत्री के सचिव ने प्रश्न खड़ा किया, तो बताया गया कि रिपोर्ट आने में देरी के कारण नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। सचिव ने 31 अक्टूबर तक सभी औपचारिकता पूरी कर नियुक्ति का निदेश दिया। बताते चलें कि इस मामले में इस वर्ष दो मई को मुख्यमंत्री ने समस्या का समाधान एक सप्ताह में करने का आदेश दिया था। तब विभागीय आईजी ने आश्वस्त किया था कि एक सप्ताह के भीतर मुआवजा और नौकरी दे दी जाएगी। वहीं हजारीबाग में कृषि विभाग में माली रहे शेख शौकत अली के मृत्युपरांत उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर सात साल गुजरने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने के मामले में बताया गया कि मृतक के पुत्र को निम्नवर्गीय लिपिक के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई है। उसका कंप्यूटर टेस्ट 30 अक्टूबर को होगा, उसके बाद उसे नियुक्त कर दिया जाएगा।

रामगढ़ के मांडू में मुरलीधर प्रसाद द्वारा खरीदी गई जमीन का उनके तथा जमीन बेचनेवाले के नाम से रसीद कटने के मामले में बताया गया कि मामला अपर समाहर्ता के राजस्व कोर्ट में लंबित है। मुख्यमंत्री के सचिव ने अपर समाहर्ता को निर्देश दिया कि वह यथाशीघ्र सुनवाई और जांच कर मामले का निष्पादन करें। दूसरी ओर कोडरमा के जयनगर में सात साल से बन रहे कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के भवन के संबंध में बताया गया कि कतिपय कारणों से भवन निर्माण बीच में ठप था। इस वर्ष मार्च से पुनः बनना शुरू हुआ है। इस मामले में वहां के नोडल पदाधिकारी से यह रिपोर्ट मांगी गई कि वह बतायें कि कब तक भवन का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। उन्हें निर्माण की वस्तुस्थित की जांच खुद करने को कहा गया। पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लापता कर्मी गोपाल प्रसाद के संबंध में बताया गया कि उनको खोजने के लिए पटना, गढ़वा और बोकारो में प्रयास किया गया। वहीं उनके मोबाइल नंबर को भी सर्विलांस पर डाला गया है। अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। दूसरी ओर झारखंड कृषि मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र, रांची में जूनियर प्रोग्रामर गणेश कुमार के बकाया मानदेय के भुगतान के संबंध में बताया गया कि पैसा भुगतान के लिए बिल ट्रेजरी में चला गया है। सचिव ने पैसा गणेश प्रसाद के खाता में डलवाने का निर्देश दिया।

पलामू के आठ अधिकारियों से स्पष्टीकरण

रांचीः जिलावार शिकायतों के निबटारा की समीक्षा में धनबाद फिसड्डी जिलों में टॉप पर पाया गया। मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल ने वहां के नोडल पदाधिकारी को जल्दी सुधार का निर्देश दिया। फिसड्डी जिलों की फेहरिश्त में पूर्वी सिंहभूम दूसरे स्थान पर पाया गया। वहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहा पाकुड़ जिला इस सप्ताह पिछड़ कर तीसरे पायदान पर पाया गया। जबकि, चौथे स्थान पर रहे रामगढ़ जिले के नोडल पदाधिकारी को खानापूरी से बचने की सलाह देते हुए गंभीरता बनाए रखने को कहा गया। पांचवे स्थान पर रहे पलामू के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि शिकायतों का निबटारा करने में लापरवाह आठ पदाधिकारियों को पत्र देकर स्पष्टीकरण पूछा गया है कि क्यों नहीं उनका वेतन बंद कर दिया जाए।

नगर विकास विभाग के नोडल पदाधिकारी से स्पष्टीकरण तलब

रांचीः शिकायतों के निबटारा में विभागों के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान अनुपस्थित पाए गए नगर विकास विभाग के नोडल पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश मुख्यमंत्री के सचिव ने दिया। कहा, जिस नोडल पदाधिकारी से तीन बार स्पष्टीकरण पूछा गया हो उनके खिलाफ निंदन प्रस्ताव दें। समाज कल्याण विभाग के खराब प्रदर्शन पर सचिव ने टिप्पणी की कि वहां सुधार की गुंजाइश कम दीख रही है।  ऊर्जा विभाग में काफी संख्या में शिकायतों के लंबित रहने पर निर्देश दिया गया कि शिकायतों के निष्पादन की जिम्मेदारी तय करें। उत्पाद विभाग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह में लंबित शिकायतों का निबटारा कर दिया जाएगा। कल्याण विभाग की समीक्षा में पाया गया कि छात्रवृत्ति के सर्वाधिक मामले लंबित हैं। बताया गया कि छात्रों की आधार सिडिंग नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी थी, लेकिन फिलवक्त सभी छात्रों का बिल बन गया है तथा एक सप्ताह में शिकायतों का निबटारा हो जाएगा।