हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से अपने बिजली के बिल समय पर भरने और बिजली का कानूनी रूप से प्रयोग करने का अनुरोध किया। लेकिन विडंबना का विषय यह है कि जिस कार्यक्रम में उन्होंने यह अपील की वह कथित रूप से चोरी की बिजली से चल रहा था। कुछ तस्वीरें सामने आईं जिसमें शनिवार को यहां मोखरा गांव में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के तंबू के पास बिजली के खंबे से कथित रूप से एक तार लटकता हुआ दिखाया गया जो राज्य सरकार के लिए शर्मिंदगीपूर्ण रहा।
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षक अभियंता एस के बंसल ने कहा कि यह पाया गया कि टेंट हाउस के मालिक ने कार्यक्रम के लिए बिजली आपूर्ति हेतु पास के बिजली के खंबे से अवैध रूप से अस्थायी व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा, ‘‘टेंट हाउस के मालिक के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया है।’’ राज्य सरकार के अधिकारियों ने इसके लिए टेंट हाउस मालिक को जिम्मेदार ठहराया और इस बात से इंकार किया कि कार्यक्रम के लिए बिजली चोरी की गई थी। बंसल ने कहा कि कार्यक्रम में प्रयुक्त सभी बिजली उपकरण जनरेटर पर चल रहे थे।
खट्टर ने शनिवार को बिजली विभाग से जुड़े अधिकारियों को नेताओं के आवास पर नजर रखने और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को बिजली की चोरी रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि सूबे में बिजली चोरी न हो। अंबाला जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए खट्टर ने कहा कि यह बिजली चोरी की जांच के लिए अभियान के साथ किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताओं और अधिकारियों को राजस्व से किसी तरह से छेड़छाड़ की जांच करने वाला माना जाता है। संरक्षक होने के बजाय अगर वे भी राज्य के कोष पर डकैती डालने लगेंगे, तो उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि बिजली चोरी मामले में जब आम लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ क्यों नहीं की जानी चाहिए। कानून सबके लिए बराबर है।