पिहानी कोतवाली क्षेत्र के शाहपुर शुक्ला गांव के प्राथमिक विद्यालय की रसोईया वंदना शुक्ला (42) की हत्या का आखिर खुलासा हो ही गया प्राप्त जानकारी के अनुसार वन्दना  25 अप्रैल की देर शाम घर से निकली और फिर नही लौटी।जब मृतका का भाई अरुण तिवारी शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचा, तो पुलिस ने मामले संजीदगी से लेने की जगह लापता वंदना के चरित्र पर ही उंगली उठा दी । परन्तु सारा गावँ उस समय सकते मे आ गया जब 28 अप्रैल को वदंना शव क्षत-विक्षत हालत मे खेत में गन्ने की पात में दबा मिला । जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने मृतका के चालचलन पर लांछन लगाने वाले सिपाहियों और डीएम के मौके पर बुलाए जाने की मांग पूरी होने तक लाश को घटनास्थल उठने ना देने की ज़िद पर अड़ गए जिसके चलते एएसपी (पश्चिमी) लक्ष्मी निवास मिश्रा ने अभद्रता करने वाले दोनों सिपाहियों दिनेश शुक्ला और आदेश त्रिवेदी को लाइन हाजिर कर परिजनों को संतुष्ट किया था।

, बाद में पिहानी पुलिस ने मृतका के भाई अरुण की तहरीर पर  अपहरण के बाद हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हालांकि, एएसपी मिश्रा ने सर्किल अफ़सर (हरियावां) श्यामकान्त त्रिपाठी, पिहानी पुलिस और क्राइम ब्रान्च को सनसनीखेज हत्याकाण्ड के खुलासे का जिम्मा दिया था।

आज, वंदना शुक्ला हत्याकाण्ड से पुलिस लाइन्स सभागार में मीडिया की मौजूदगी में पर्दा उठया गया। एसपी विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि वंदना का खेत बटाई पर लेने वाले शमीम, सुचित सक्सेना और गौतम सक्सेना वंदना पर बुरी नीयत रखते थे। 25 अप्रैल को शमीम ने वंदना को फ़ोन कॉल कर सिंचाई के लिए पम्प का पाइप खरीदने को रुपए देने के लिए अपने घर के पास बुलाया। वंदना के पहुंचने पर तीनों ने उसके मुंह पर कपडा लपेट दिया और उसके ही खेत में ले जाकर मुंह काला किया। कलंक-कथा खुलने के डर से तीनों ने वंदना की साड़ी से उसका गला घोंट हत्या कर दी। उसके कान से सोने के टॉप्स, गले से सोने का लॉकेट और चांदी की पायल उतार लाश गन्ने की पात में छुपा दी। वंदना के जेवर तीनों ने रामआसरे के गन्ने के खेत में गाड़ दिए।

सर्विलांस सेल की सहायता से पुलिस ने तीनों आरोपियों को कल धर लिया। पूछताछ में तीनों ने अपना गुनाह क़ुबूल कर लिया। इसके बाद पिहानी पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376D/404/411 के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया। हत्याकाण्ड की खुलासा करने वाली टीम में पिहानी कोतवाल पवन त्रिवेदी, सब इन्स्पेक्टर राजेश सिंह व संतोष कुमार, कांस्टेबल संतोष कुमार व कृष्णपाल सिंह और सर्विलांस सेल के सब इन्स्पेक्टर संजय कुमार व उनकी टीम शामिल रही