वैसे तो पूरे देशभर में भाजपाईयों द्वारा स्वतंत्रता के महापर्व पर कई जाहलते की गई जैसे की तिरंगा रैली में ट्रैफिक 7 yearsनियमों का उल्लघन करते मंत्री जी तो कहीं आर.एस.एस आलाकमान द्वारा जबरदस्ती झण्डा फैराने की घटना तो कहीं उल्टा झण्डा पकड़े एक मोर्चे की राष्ट्रिय अध्यक्षा और कहीं पैर में चप्पल व उल्टा झण्डा लेकर शहिदों को श्रद्वासुमन चढ़ातें विधायक जी की तो चर्चा आम थी पर हरियाणा के भिवानी जिले के भवानी खेड़ा विधानसभा के विधायक के साथ कुछ ऐसा हुआ की विधायक विशम्भर वाल्मिकी को स्वतंत्रता दिवस समारोह से जाने का फैसला करना पड़ा जिसके चलते पूरे जिला प्रशासन ने अफरा-तफरी मच गई यहां बता दें कि विधायकों व अन्य वरिष्ठ अतिथियों के लिए की गई व्यवस्था पर पहले से ही आकर भाजपा के छुटभईया नेताओं ने आसन जमा लिया और जब विधायक पहुचें 10 मीनट खड़े रहने के बाद भी विधायक का हाल किसी ने नही पुछा जिससे आहत होकर विधायक ने समारोह से जाने का फैसला किया हालत तो यहां तक बिगड़ी कि उन्होने कह दिया मै तो अभी गुलाम हुं समारोह में नही जाऊंगा विधायक तो इतना उखड़े कि उन्होने अपने पद से इस्तीफा देने तक की बात कर दीं जिससे बोखलाए जिला प्रशासन व भाजपाईयों ने बामुशकिल विधायक को मनाया।
ऐसी अनेकों घटनाऐं अलग-अलग जिलों मे हुई जिसकी चर्चा पर विराम नही लग रहा इस तरह की लाहपरवाहियों को भाजपा की अनुभवहिनता कहा जाए या जिला प्रशासन की लाहपरवाही या फिर भाजपाईयों का अतिउत्साह।