भूटान के राजा महाराज जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने भूटान की रानी एवं भूटान के शाही राजकुमार के साथ भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में आज (1 नवंबर 2017) को भेंट की।

भारत में राजा एवं रानी का स्वागत करते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि भूटान के राजा के राज्याभिषेक की वर्षगांठ के अवसर पर भारत में उनका स्वागत करना उनके लिये सौभाग्य का विषय है। राष्ट्रपति ने भूटान के शाही राजकुमार को उनकी पहली यात्रा पर भारत लाने के लिये राजा और रानी का धन्यवाद भी अदा किया।

शासन का एक दशक सफलतापूर्वक पूरा करने और एक स्थिर, सुखी और समृद्ध भूटान की उनकी संकल्पना के लिये राष्ट्रपति ने भूटान के राजा की सराहना की।

उन्होंने कहा कि अपनी विशेष संस्कृति एवं पर्यावरण की रक्षा करने के साथ-साथ भूटान द्वारा तीव्र गति से की गयी प्रगति पर भारत को प्रसन्नता है। और भूटान के साथ अपने ज्ञान, अनुभव और संसाधनों को साझा करने में भारत को खुशी है। और भारत का विकासोन्मुख सहयोग भूटान की जनता एवं वहां की सरकार द्वारा तय की गयी प्राथमिकताओं से निर्देशित होता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और भूटान के बीच अनुकरणीय द्विपक्षीय संबंध हैं। हमारे संबंध अनुपम एवं विशिष्ट हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंध संपूर्ण विश्वास एवं आपसी समझ पर आधारित हैं। और इन्हें एक अनुकरणीय संबंध बनाने के लिये हमें सभी प्रयास करने चाहिये ताकि अन्य पड़ोसी भी इसका संज्ञान ले सकें।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और भूटान की सुरक्षा चिंतायें अविभाजनीय एवं एक दूसरे से जुड़ी हुयी हैं। डोकलाम इलाके में हाल ही में उत्पन्न हुयी स्थिति को सुलझाने के लिये भूटान के सहयोग में व्यक्तिगत रुचि एवं मार्ग निर्देशन के लिये उन्होंने भूटान के राजा के प्रति अत्यधिक आभार को व्यक्त किया।

उन्होंने आगे कहा कि डोकलाम में उत्पन्न हुयी स्थिति को सुलझाने के लिये जिस तरह से भारत एवं भूटान साथ खड़े हुये वह हमारी मित्रता का स्पष्ट प्रमाण है।