नयी दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले उसके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई शुरू की।

नायर सर्विस सोसायटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील के पराशरन ने पांच सदस्यीय पीठ के समक्ष दलीलें रखनी शुरू की और फैसले को रद्द करने की मांग की।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

कुल 64 मामलों पर सुनवाई की जा रही है जिसमें कुछ पुनर्विचार याचिकाएं और कुछ स्थानांतरण याचिकाएं हैं।

गौरतलब है कि 28 सितंबर को तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से फैसला देते हुए सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ करते हुए कहा था कि यह प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है।