शान्ति स्वारूप तिवारी,नई दिल्ली।।

डॉ. अनिल कुमार के RTI से खुलासा…

नोटबंदी से आतंकवादियों की कमर टूटेगी प्रधानमंत्री ने कहा था : आरटीआई रिपोर्ट के आंकड़ों में अपराध बढ़ने के खुलासे 8 नवंबर 2016 को रात को 8:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक देश की जनता को संबोधित करते
हुए 500 एवं 1000 रूपये के नोट बंद करते हुए नोटबंदी लागू कर दी | देश के लोगों को इसके फायदे बताते हुए यही कहा गया कि इसके लागू होने से देश में आतंकवादी गतिविधियां पर लगाम लगेगा छिपाया हुआ करोड़ों रुपए कालेधन के रूप में बाहर आएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से रफ्तार मिलेगी |
जब देश में नोटबंदी के लाभ एवं हानि का जायजा लेने के लिए दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के सह संयोजक डॉ अनिल कुमार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से आरटीआई रिपोर्ट से सूचना मांगी कि नई मुद्रा प्रचलन के लिए कितना खर्च हुआ तो सूचना में सामने आया कि 500 रूपये के 1000 नोटों का खर्चा ₹2570 हुआ , ₹200 के 1000 नोटों का खर्चा ₹2650, ₹50 के 1000 नोटों का खर्चा ₹1010, ₹10 के 1000 नोटों का खर्चा 1010 और ₹2000 के 1000 नोटों का खर्चा ₹4180 आया है | नए नोटों की प्रिटिंग के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अब तक 7,965 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर चुकी है| आरबीआई के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में 15 लाख 41 हज़ार करोड़ रुपए के नोट चलन में थे | किंतु नोट बंदी लागू करने के बाद कुल 99 फीसदी नोट वापस आए जिनकी वैल्यू 15.44 लाख करोड़ है| सिर्फ 10000 करोड रुपए अर्थव्यवस्था के चलन में नहीं आए | नोट बंदी लागू होने के बाद बैंकों की लाइन में लगने के दौरान सैकड़ों से अधिक लोगों की मौत हो गई|बैंकों के सामने जिन लोगों की मौत हुई उनके परिवारों को अभी तक सरकार ने मुआवजा उपलब्ध नहीं करवाया है | सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमईआई) के कंज्यूमर पिरामिड्स हाउसहोल्ड सर्विस (सीपीएचएस) के आंकड़ों के मुताबिक 2016-2017 के अंतिम तिमाही में क़रीब 15 लाख नौकरियां गई हैं|
प्रधानमंत्री जी ने यह भी वादा किया था कि नोटबंदी लागू करने से आतंकवादी गतिविधियों की कमर टूटेगी | जब इस पर आरटीआई रिपोर्ट मांगी गई तो सामने आया कि अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2016 तक जहां जम्मू-कश्मीर में 458 आतंकवादी गतिविधियां घटित होती थी, वह नोटबंदी लागू करने के बाद नवंबर 2016 से मई 2018 तक 553 आतंकवादी घटनाएं बढ़ गई | अर्थात 20.74% आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो गई |
नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो 2016 के अनुसार देश में बच्चों के प्रति अपराध 1लाख 6 हजार 958 दर्ज हूए | सीनियर सिटीजन पर के अपराध के मामले 21हजार 416, बलात्कार एवं अपरहण के 54 हजार 703, महिलाओं से छेड़छाड़ के आपराधिक मामले 3 लाख 38 हजार 954 एवं दलित उत्पीड़न के 40 हजार 801 मामले दर्ज हुए | डॉ अनिल कुमार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो ने वेबसाइट पर 2016 के बाद बढ़ते हुए आपराधिक मामलों के आकड़े उपलब्ध करवाना बंद कर रखा है | सरकार ने जिस उद्देश्य से नोटबंदी लागू करना बताया था वैसा कुछ भी नहीं हुआ| भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही नेताओं के काले धन को नोटबंदी की आड में सफेद करने का काम किया है|
नोटबंदी के दौरान देश के आम नागरिक जहां एक तरफ बैंकों से ₹10000 नहीं निकलवा पा रहे थे, उसी समय के दौरान बीजेपी के कई नेताओं ने शादी में करोड़ों रुपए से अधिक खर्च किए वह कहां से आए | नोटबंदी से हुए फायदे एवं नुकसान का विश्लेषण देश की जनता के मस्तिष्क में है|वक्त आने पर मताधिकार के माध्यम से वह जरूर जवाब देंगे |

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