नई दिल्ली: सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कल यहां 24वीं व्‍याख्‍यान श्रृंखला का आयोजन किया। इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने ‘नव भारत-2022’ विषय पर व्‍याख्‍यान दिया।

अपने व्‍याख्‍यान में डॉ. राजीव कुमार ने भारत के विकास के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने हमारे राष्‍ट्रीय विकास के विस्‍तृत ऐतिहासिक पक्ष पर अपने विचार रखे। उन्‍होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में भारत की विकास प्रक्रिया की चर्चा की।

उल्‍लेखनीय है कि हमारे राष्‍ट्रीय विकास के विस्‍तृत ऐतिहासिक पक्ष में विभिन्‍न काल खंड शामिल हैं। 1857-1942 का काल खंड भारतीय स्‍वतंत्रता आंदोलन का समय है, जिसके बल पर 1947 में हमें राजनैतिक स्‍वतंत्रता मिली। 1947 से 2017 के काल खंड में भारत ने आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक बदलावों को देखा। ये बदलाव जनभागीदारी के बदौलत भविष्‍य में और महत्‍वपूर्ण हो जाएंगे। इस काल खंड को 2017 (संकल्‍प से सिद्धि), 2022 (नव भारत) और 2047 (सर्वश्रेष्‍ठ भारत) के रूप में प्रस्‍तुत किया गया है।

भावी विकास की रूप-रेखा पर भी चर्चा की गई। इसके तहत गरीबी मुक्‍त भारत, गंदगी और कूड़ा मुक्‍त भारत, भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत, सांप्रदायिकता मुक्‍त भारत और आतंकवाद मुक्‍त भारत की अवधारणा शामिल है।

व्‍याख्‍यान के बाद प्रश्‍नोत्‍तरी का सत्र हुआ, जिसके दौरान श्रोताओं ने विशिष्‍ट वक्‍ताओं से समकालीन विषयों पर कई सवाल पूछे।

व्‍याख्‍यान में दिल्‍ली/एनसीआर स्‍थित पूर्णकालिक और अंशकालिक केंद्रीय सतर्कता अधिकारी उपस्‍थित थे। इनके अलावा मंत्रालयों/विभागों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, सरकारी बैंकों और अन्‍य संगठनों के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों, निदेशकों और अन्‍य अधिकारियों ने भी हिस्‍सा लिया। व्‍याख्‍यान का वेबकास्‍ट ऑनलाइन देखा जा सकता है और वह केंद्रीय सतर्कता आयोग के वेबसाइट  www.cvc.nic.in. पर भी उपलब्‍ध है।