नक्सलवादियों से सहानुभूति रखने वाले तत्वों को बेनकाब करने की जरूरत पर जोर देते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आज कहा कि असहिष्णुता बढऩे के नाम पर पुरस्कार लौटाने वाले लोग छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले में 25 सीआरपीएफ जवानों की हालिया मौत पर खामोश क्यों हैं।   विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताआें से कहा, ‘मानवाधिकारों की बातें करने वाले लोग आखिर तब कहां चले जाते हैं, जब नक्सली हमले में 25 जवानों की मौत हो जाती है। पुरस्कार लौटाने वाले लोग इस घटना पर चुप क्यों हैं। वे कहीं दिखाई क्यों नहीं देते।’ उन्होंने कहा, ‘एेसे लोगों का चेहरा बेनकाब करने की जरूरत है, जो मानवाधिकारों के नाम पर नक्सलवादियों और आतंकवादियों से सहानूभूति रखते हैं।’

विजयवर्गीय ने कहा कि यह चिंताजनक है कि छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में समाज का एक हिस्सा क्रमश: नक्सलवादियों और आतंकवादियों से जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ताआें को इस तरह का वातावरण बनाना होगा कि नक्सलवादियों और आतंकवादियों से आम लोग न जुड़ें। एेसा माहौल बनने पर सरकार को नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ कडे फैसले लेने में आसानी होगी।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की आज जम्मू से शुरू 95 दिन की देशव्यापी यात्रा को लेकर पूछे गये सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि शाह पोलिंग बूथ स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने के दूरगामी लक्ष्य के साथ इस सफर पर रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘आप शाह की यात्रा को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों भर से जोड़कर मत देखिए। वह बड़ा लक्ष्य तय करते हैं।’  पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए भाजपा महासचिव ने कहा, ‘पिछले 70 सालों में देश को दिशाहीन किया गया है। देश को बचाने, नए सिरे से बनाने और बढ़ाने के लिए महज पांच साल की सरकार पर्याप्त नहीं है। इस मकसद को पूरा करने के लिये ज्यादा समय की दरकार है।’