पलहेड़ी के बिल्लू फार्म हाउस में आदमखोर कुत्ता (नाम टाइगर) मनीराम की बोटी-बोटी नोच रहा था। मालिक हरदीप उर्फ बिल्लू कुत्ते को खदेड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और से कुंडी लगा दी। सेवा, सुरक्षा और सहयोग का नारा देने वाली खाकी के एसआइ सहित एक दर्जन पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे, लेकिन टाइगर के खौफनाक रूप में देख उनके पैर दरवाजे के बाहर ही ठिठक गए। दो घंटे तक पुलिसकर्मी टाइगर के पास फटक नहीं पाए। मौके पर मनीराम का छोटा भाई राजेंद्र, बेटा नरेश, भतीजा राजेश, ग्रामीण रमेश, राजबीर और संजय फार्म हाउस पर गए। उधर से पलहेड़ी, गढ़सरनाई और आसपास के ईट भट्ठों पर काम करने वाले 100 से ज्यादा ग्रामीण इकट्ठा हो गए। भाई के शव को कुत्ता नोचता देख राजेंद्र से रहा नहीं गया और उसने एसआइ रमेश कुमार से कहा कि उसके भाई की जान की बजाय कुत्ते की जान कीमती है। गोली क्यों नहीं मार देते। एसएआइ ने कहा कि उन्होंने वन विभाग और नगर निगम में फोन किया है, लेकिन छुंट्टी होने के कारण कोई कर्मचारी कुत्ते को पकड़ने नहीं आया है। वे कुत्ते को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। उसने ग्रामीणों के सहयोग से कुत्ते पर ईटे फेंकी और जेली (तूड़ा इकट्ठा करने का औजार) के जरिये कुत्ते को मनीराम के शव से दूर किया। बेल से कुत्ते को पौड़ियों से बांध दिया। भतीजे रमेश ने घटना की वीडियो बनाई।
पिता को कहता था आराम करो, मालिक ने ही मरवा डाला
मनीराम तीन भाइयों में बड़ा था। उससे छोटे भाई राजेंद्र व राजबीर है। इकलौता बेटा नरेश कुमार और पत्नी है। नरेश ने बताया कि पिता मनीराम पहले खोतपुरा में संधू फार्म हाउस पर काम करते थे। एक साल से बिल्लू के फार्म हाउस में 25 एकड़ जमीन की देखभाल पिता के जिम्मे थी। उसने पिता से कह दिया था कि काम छोड़कर आराम कर लें। पिता ने बताया था कि बिल्लू उसे कुत्ते के जरिया मरवा डालने की धमकी देता है। बिल्लू ने उसके पिता को मरवा डाला। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करे।
संघर्ष के बावजूद मौत को मात नहीं दे पाया मनीराम
सीनियर साइंटिफिक इंचार्ज डॉ. नीलम आर्य ने बताया कि कुत्ते ने मनीराम को जब नोचा तो उसने बचाव के लिए संघर्ष किया होगा। पांच से दस फीट तक खून बिखरा पड़ा था। कुत्ते ने छाती व हाथ का मांस नोचा तो मनीराम उठ नहीं पाया। जिंदगी से हार गया। शायद सिर जमीन से टकराने पर मनीराम अचेत हो गया हो। शरीर पर दांतों के गहरे निशान थे। वहीं सामान्य अस्पताल के डॉक्टरों के बोर्ड ने आशंका जताई है कि मनीराम की मौत पांच बजे से पहले हुए होगी। क्योंकि मृतक का शरीर अकड़ा हुआ है।
क्षेत्र में कुत्ते का खौफ था
बिल्लू फार्म हाउस के टाइगर का आसपास क्षेत्र में खौफ था। पलहेड़ी की सरपंच के ससुर राजपाल ने बताया कि गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर करीब 12 साल से बिल्लू का फार्म हाउस है। यहां पर ग्रामीण कम ही जाते हैं।
मनीराम को नहीं दी थी धमकी
हरदीप उर्फ बिल्लू ने बताया कि उसने मनीराम को कभी धमकी नहीं दी थी कि वह नौकरी छोड़ेगा तो उस पर कुत्ता छोड़ देगा। टाइगर से तो मनीराम का काफी लगाव था। इसका उसे दुख है। उसे नहीं पता था कि फार्म हाउस की सुरक्षा के लिए रखा टाइगर जानलेवा भी हो सकता है।
छावनी में तब्दील हुआ सिविल अस्पताल
मृतक के परिजन कहीं हंगामा न करे दे इसको देखते हुए हरदीप सामान्य अस्पताल से कार में बैठकर तुरंत निकल गए। मौके पर डीएसपी मुख्यालय जगदीप दूहन, थाना शहर प्रभारी सुरेश कुमार भारी पुलिस बल सहित अस्पताल में पहुंचे। जब तक शव को पीजीआइ रोहतक नहीं भेजा गया।