बारह साल पहले जिसे सांप काटने के कारण पानी में बहा दिया गया था वह अपने घर कटिहार जिंदा लौट आया है. सांप काटने पर मौत हो जाने के कारण एक परिवार ने अपने बेटे को स्थानीय रीति-रिवाज के अनुसार गंगा नदी में बहा दिया था. लेकिन अब लगभग 12 साल बाद वह ज़िंदा अपने घर लौट आया है.

मां और फुआ तो बेटे को पहचानने की बात कर रहे हैं जबकि पिता और चाचा को इसे लेकर कुछ संशय है. कटिहार के फलका थाना क्षेत्र की यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.

कटिहार फलका थाना क्षेत्र के हथवाड़ा पंचायत के राधानगर गांव का एक परिवार अपने 12 वर्ष के पुत्र रौशन को सांप काटने के कारण खो दिया था. उस समय गांववालों ने रीति-रिवाज से सांप काटने से मर गये लड़के को जलाने के बजाय गंगा नदी में केला के थम पर मृत शरीर को रखकर बहा दिया था.

घटना 2004 की है और अब 2016 में वह लड़का अपने घर वापस आ गया है. मां और फुआ की माने तो ऐसा करिश्मा होने की उम्मीद उन लोगों को पहले से थी क्योंकि कामख्या के एक तांत्रिक ने उन्हें ऐसा करिश्मा होने के बारे में बताया था.

उनके अनुसार तब का रौशन जो अब खुद को दीपू बता रहा है, वो उन्हीं का पुत्र है. पिता और चाचा इस बात को नकार नहीं रहे हैं, लेकिन उनके मन में कुछ संशय जरूर है.

चाचा रामनाथ जयसवाल ने कहा कि लड़के के माता-पिता उसे नहीं पहचान पा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सांप काटने के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी और वे लोग ही उसके मृत शरीर को गंगा में बहा दिये थे.

वहीं हथवाड़ा पंचायत की सरपंच बबीता देवी भी इसे भगवान का करिश्मा मान रही हैं. उनकी माने तो मां और फुआ ने जब बेटे की पहचान कर ली है तो हो न हो रौशन ही दीपू है.

12 साल के बाद घर लौटे दीपू से पूछने पर वह गुजरात में रहने की बात कर रहा है. इससे ज्यादा वह और कुछ भी नहीं बता पा रहा है. लड़के के चाचा ने कहा कि दो-चार दिन लड़के पर नजर रखने के बाद ही लड़के के बारे में सचाई का पता चल पायेगा.