अशोक कुमार झा।

मुंबई। सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया। ये वही मैदान है जहां आचरेकर ने सचिन ही नहीं बल्कि विनोद कांबली, अजित अगरकर, प्रवीण आमरे जैसे खिलाड़ियों को क्रिकेट के गुर सिखाए थे। आचरेकर की अंतिम यात्रा में उनके दो सबसे करीबी शिष्य सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली भी पहुंचे। सचिन ने आचरेकर को कंधा भी दिया। वहीं अंतिम संस्कार के दौरान सचिन तेंदुलकर के आंसू भी छलक उठे।

सचिन तेंदुलकर को इतना भावुक बेहद ही कम देखा गया है। इससे पहले सचिन के आंसू साल 1999 में छलके थे, जब उनके पिता रमेश तेंदुलकर का निधन हो गया था। इसके बाद सचिन साल 2011 में सत्य साईं बाबा के निधन पर भावुक दिखे थे। साल 2013 में क्रिकेट को अलविदा कहते वक्त भी सचिन के आंसू छलक उठे थे।

आचरेकर के अंतिम संस्कार में कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की। इसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे, मुंबई के मेयर विश्वनाथ महाडेश्वर, भाजपा विधायक आशीष शेलार और शिवसेना के कई बड़े नेता मौजूद थे। आचरेकर का बुधवार को निधन हो गया था, वो 87 साल के थे।

आचरेकर की अंतिम यात्रा एक बड़े रथ पर हुई। कई युवा क्रिकेटर्स ने उन्हें बल्ले से सलामी दी। यही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने आचरेकर के निधन पर शोक जताया। पीएमओ के ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा, “ये खेल जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

आचरेकर के निधन पर सचिन ने कहा, ”स्वर्ग में भी अगर क्रिकेट होगा तो आचरेकर सर उसे समृद्ध कर देंगे। उनके दूसरे स्टूडेंट्स की तरह मैंने भी क्रिकेट की एबीसीडी उनसे ही सीखी। मेरे जीवन में उनका योगदान शब्दों से नहीं बताया जा सकता।