सरायकेला। इस नन्हीं बच्ची को पढ़ाओ इसे सुकन्या योजना का लाभ दें…बेटी को भी बेटे की तरह बड़ा करो…क्योंकि एक बेटी पढ़ेगी तो दो परिवार शिक्षित होगा… आओ बेटी मेरी गोद में आओ… यह सुनते ही बच्ची भी लपक कर मुख्यमंत्री रघुवर दास की गोद में चली गई और निरीह आंखों से निहारने लगी… तुम पढ़ना और झारखण्ड का मान बढ़ाना…..कान्दरबेड़ा दोमुहानी सड़क के किनारे आजीविका के खादय सामग्री बेच रहीं बच्ची की मां व अन्य आदिवासी महिलाएं भौचक बस देखती रह गईं..और आजीवन अपनी स्मृति में इस क्षण को सहेज लिया। मौका था जमशेदपुर के कन्दरबेड़ा दोमुहानी पथ लोकार्पण का। जहां मुख्यमंत्री इन आदिवासी महिलाओं से मुखातिब थे।

महिलाओं ने किया अभिनदंन, पैदल पथ पर साथ चले मुख्यमंत्री
आदिवासी महिलाओं ने मुख्यमंत्री के इस आत्मीयता को देख भावविभोर हो गईं। सब ने मुख्यमंत्री का हाथ जोड़ अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अपनी आजीविका के लिए सड़क किनारे दुकान लगा कर बैठी हैं। यह आपके आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करेगा। सरकार ने भी आपके स्वावलंबन हेतु योजनाएं लागू की हैं आप सभी उसका लाभ लें। आपको हमें राज्य की शक्ति बनाना है। बात करते करते मुख्यमंत्री महिलाओं के साथ कुछ दूर तक चले भी और बच्ची को गोद में लेकर पुचकारते भी रहे।

साइनेज लगाएं, ताकि पता चले किधर जाना है
लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने NHAI के अधिकारियों को निदेश दिया कि यहां बड़ा साइनेज लगाएं ताकि वाहन को अपने निर्धारित स्थल जाने की पूर्ण जानकारी राहगीरों को मिल सके।

संथाली साहित्यकार को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री ने रांची – टाटा मार्ग से कन्दरबेड़ा दोमुहानी पथ व चौराहे का नाम संथाली साहित्यकार पंडित रघुनाथ मुर्मू चौक रखने का निदेश जिला प्रशासन को दिया। इसकी औपचारिक घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी।