केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज नई दिल्ली में ‘2022 तक सबके लिए आवास’ विषय पर 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। श्री जावड़ेकर ने भवन निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्यावरण संबंधी स्वीकृतियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि 2014 से पहले पर्यावरण संबंधी स्वीकृतियों में काफी रूकावटें थीं, जिन्हें अब सरल बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले पर्यावरण संबंधी स्वीकृति पाने में 640 दिनों का समय लगता था, किंतु जब हमने नियमों को सरल बना दिया तब उसी काम में अब 108 दिनों का ही समय लगता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसमें लगने वाले समय को घटा कर 60 दिन किया जाएगा। इस दौरान इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि पर्यावरण संरक्षण के बारे में कोई समझौता न हो।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण और विकास दोनों कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है। श्री जावड़ेकर ने कहा कि पहले 50,000 रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाएं केंद्र सरकार के अधिकारक्षेत्र में होती थीं, किंतु अब 1.5 लाख रुपये और उससे अधिक लागत वाली परियोजनाएं भी राज्यों के अधिकारक्षेत्र में हैं। श्री जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रालय इस बात के लिए प्रयत्नशील है कि नियम सरल हों,बेशक नियम तो कम हों, किंतु उन्हें सख्ती से लागू करें। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तरदायी कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।