अशोक कुमार झा।
रांची। सरकार ने एनआरएचएम अनुबंध कर्मियों के विश्वास को जीतने के लिये आज तक एक भी ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिससें एएनएम एवं जीएनएम कर्मी संतुष्ट हो सकें। सरकार के रवैये से नाराज कर्मियों ने शुक्रवार को कैंडल मार्च निकालकर सरकार के विरूद्व नारेबाजी की। संघ के प्रदेशध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि निदेशक प्रमुख डाॅ विजय शंकर दास एवं अनुबंध कर्मियों के बीच एक वार्ता हुई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि पांच जूलाई तक सभी जिलों से आरक्षण रोस्टर की त्रुटि को दूर कर मंगा लिया जाएगा, वह आज तक नहीं हुआ। जबकि निदेशक प्रमुख का शुक्रवार को सभी सिविल सर्जन के साथ बैठक हई। सरकार ने निर्णय लिया है कि स्वर्ण रोस्टर जिला स्तर पदों के लिये लागू नहीं होगा। लेकिन अभी तक उसकी अध्ययादेश जारी नहीं किया गया है। जिसके कारण नियुक्ति प्रक्रिया में पेंच फंसा हुआ है। पदों की संख्या बढ़ाने को लेकर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है। करीब 4,000 नये पदों को सृजन होना हैं।
संघ की कार्यकारी महासचिव वीणा कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवार दास शिष्टाचार मुलाकात करने के लिये राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से राजभवन में जाकर कर सकते हैं। लेकिन महिलाएं कई दिनों से रात-दिन राजभवन के समक्ष धरना में बैठी हुयी है, लेकिन वे हमलोंगो से मिलना उचित नहीं समझें। सभी कर्मियों ने एक सुर में कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तबतक धरना व हड़ताल जारी रहेगा। कैंडल मार्च कार्यक्रम में झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्याध्यक्ष गोपाल शरण सिंह, संरक्षक सुशीला तिग्गा, महासचिव सुदेश सिंह, जीतवाहन उरांव, एनआरएचएम संघ के कोषाध्यक्ष अनिता कच्छप, प्रेमा बाड़ा, वंदना राय, अनुपम शर्मा, रानीबाला, सीमा कुमारी, सनिता कुजूर सहित सैकड़ों की संख्या में अनुबंध कर्मी शामिल हुए।