अशोक कुमार झा।
रांची। कई राज्यों में किसानों की कर्ज माफी की घोषणाओं के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी झारखंड के किसानों को राहत देने के लिए कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने नए साल में किसानों को बड़ी सौगात देने की घोषणा करते हुए कहा कि किसानों को हर साल खेती के लिए प्रति एकड़ पांच हजार रुपये मिलेंगे। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में सीएम ने मुख्यमंत्री ‘कृषि आशीर्वादश्’ के नाम से शुरू होने वाली इस योजना की जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया जिन किसानों की जमीन एक एकड़ से कम है उन्हें भी न्यूनतम पांच हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जाएंगे। यह राशि अधिकतम पांच एकड़ के लिए ही दी जाएगी। राशि किसानों को सीधे चेक या फिर डीबीटी के माध्यम से मिलेगी। किसानों को यह पैसा सरकार को वापस नहीं करना है। इस योजना से राज्य के 22.76 लाख लघु एवं सीमांत किसान लाभांवित होंगे। योजना पर सरकार लगभग 2250 करोड़ रुपये खर्च करेगी। नए वित्तीय वर्ष (2019-20) के बजट में इस योजना को शामिल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को दी जाने वाली राशि को वे खरीफ या रबी जिस फसल में चाहे खर्च कर सकते हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह योजना उस लक्ष्य को पूरा करने में काफी सहायक साबित होगी। किसानों को बीज, खाद व अन्य कृषि निवेश के लिए दूसरों पर या बैंक पर निर्भर नहीं रहना होगा। उन्हें खेती के लिए किसी से कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। इस पैसे से किसान बाजार से बीज, खाद या कृषि के लिए जो भी सामान खरीदना चाहें, खरीद सकते है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल और कृषि सचिव पूजा सिंघल भी मौजूद थीं।
फसल बीमा का प्रीमियम भी भर रही सरकार : मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से कृषि उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होगी। योजना के तहत धान की 45 लाख एकड़ जमीन पर किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों की खुशहाली के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसके तहत वर्तमान में राज्य में 14.85 लाख किसानों की फसल बीमा के लिए प्रीमियम (66 करोड़ रुपये सालाना) भी सरकार द्वारा भरा जा रहा है। साथ ही किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो।
पलायन रोकने में कारगर साबित होगी योजना : मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि में सबसे ज्यादा रोजगार है। इससे काफी लोग जुड़े हुए हैं। यदि खेती ढंग से होगी तो पलायन भी रुकेगा। नई योजना पलायन रोकने में कारगर साबित होगी। हमें गांव से बेरोजगारी को भी समाप्त करना है। सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर भी जोर दे रही है। यहां का कटहल अब सिंगापुर जा रहा है। ग्लोबल कृषि और फूड समिट में कई देशों से लोग और विशेषज्ञ आये थे। सभी ने यहां जैविक खेती पर फोकस करने को कहा है। झारखंड के किसानों में काफी क्षमता है। उसी क्षमता का परिणाम है कि कृषि विकास दर चार साल में माइनस 4 प्रतिशत से बढ़कर प्लस 14 प्रतिशत हो गयी है।
चेक या डीबीटी से पैसा देने पर रुकेगा भ्रष्टाचार : मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नई योजना का पैसा चेक या डीबीटी के माध्यम से देना ज्यादा सुरक्षित होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में कृषि विभाग में हुए घोटाले की भी चर्चा भी की। कहा, किसानों की योजना में गड़बड़ी के कारण ही पूर्व कृषि मंत्री नलिन सोरेन फंसे। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। हमारी सरकार कोई घोटाला और भ्रष्टाचार नहीं होने देगी। हम इसे पूरी तरह समाप्त करके रहेंगे। इसलिए किसानों को पैसा डीबीटी या चेक के माध्यम से ही दिया जाएगा।
योजना की खास बातें : – जिनके पास एक एकड़ से कम जमीन उनको भी मिलेगा योजना का लाभ-राशि अधिकतम पांच एकड़ के लिए, चेक या डीबीटी के माध्यम से मिलेगा पैसा-ये पैसा नहीं करना होगा वापस, 2250 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार -राज्य के 22.76 लाख किसानों को खरीफ फसल में मिलेगा लाभ-सीएम ने कहा, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध -फसल बीमा प्रीमियम मुफ्त, ब्याज रहित कृषि लोन भी दिया जा रहा है।