अशोक कुमार झा
रांची। झारखंड में संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई से घबराये नक्सली अब बदले के लिए पुलिस परिवार के सदस्यों को धमकी दे रहे हैं. इस बात की सूचना पुलिस मुख्यालय आइजी अभियान को मिली है.
जानकारी मिलने के बाद आइजी अभियान ने पुलिस इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक के परिवार के लिए सुरक्षा की योजना तैयार की है. उन्होंने थानावार रहनेवाले सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक की सूची तैयार की है. संबंधित जिला के एसपी को उन्होंने इसकी सूची उपलब्ध करायी है. नक्सल प्रभावित जिला के एसपी को टास्क दिया गया है कि वे थाना प्रभारी के जरिये संबंधित पुलिस कर्मी और ऑफिसर के परिजनों से संपर्क स्थापित करें.
उनके मोबाइल नंबर प्राप्त कर उनसे संपर्क स्थापित करे. थाना प्रभारी भी पुलिसकर्मी के परिजनों को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध करायें, ताकि विपरीत परिस्थिति या अनहोनी की सूचना पर दोनों एक दूसरे से संपर्क स्थापित कर सकें.
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में पुलिस ने कई बड़े नक्सलियों और उग्रवादियों की चल-अचल संपत्ति यूएपी एक्ट के तहत जब्त करने की कार्रवाई की है. वर्तमान में झारखंड के 18 बड़े उग्रवादी और नक्सलियों की संपत्ति पर झारखंड पुलिस की नजर है. संबंधित नक्सलियों और उग्रवादियों की संपत्ति के बारे में पुलिस विस्तार से जानकारी एकत्र कर रही है. एक ओर जहां पुलिस के परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा के लिए योजना बनायी गयी है.
वहीं दूसरी ओर नक्सलियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का भी निर्णय लिया गया है. संबंधित रेंज के डीआइजी को यह जिम्मेवारी सौंपी गयी है वे पिछले तीन साल के नक्सली कांडों की समीक्षा कर फरार चल रहे नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने की दिशा में कार्रवाई करें. इसके अलावा पुलिस वैसे नक्सलियों के परिवार से निबटने की तैयारी कर रही है, जिनकी संपत्ति जब्त करने के खिलाफ उनके परिवार द्वारा रिट याचिका दायर की जा रही है.
इसके अलावा अगर किसी नक्सली मामले की जांच इडी या एनआइए से कराने की आवश्यकता है, तो इसकी अनुशंसा तैयार करने की जिम्मेवारी संबंधित रेंज के डीआइजी को सौंपी गयी है।