अशोक कुमार झा ।
रांची। झारखंड के 18वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान पूरे झारखंड को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है। इस दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने देवघर, हजारीबाग और लोहरदगा जिले को पूर्ण विद्युतीकृत घोषित किया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने 1100 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। साथ ही झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों के 10 लोगों को सम्मानित भी किया गया। गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में दोपहर 12 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समारोह का उद्घाटन किया। इससे पूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस पर उनकी समाधि स्थल स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन की शुरुआत मुख्यमंत्री ने एक घटना सुनाकर की। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले ही मैं जमशेदपुर में एक युवक गगनदीप से मिला, जिसका जन्म उसी दिन हुआ था जिस दिन झारखण्ड का गठन हुआ था। उसकी उम्मीदें जानीं तो पता चला कि आज का युवा विकास चाहता है। समाज, देश और दुनिया की हर घटना पर गगनदीप जैसे युवाओं की पैनी नजर है। वो हर चीज को अपने नजरिए से देख रहा है। वो किसी के बहकावे में नहीं आता है। इसलिए विकास कार्यों को लेकर हम सबकी जिम्मेदारी अब और बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज रह-रहकर मन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृतियां उमड़ रही हैं। उस समय के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री सह गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की भी स्मृति आ रही है। अटलजी ने 15 नवंबर 2000 को झारखण्ड राज्य का उपहार हमें दिया था। मैं आज के दिन इस अलग राज्य के लिए आंदोलन करने वालों को भी बधाई देना चाहता हूं। हमारी सरकार ने झारखण्ड आंदोलनकारियों को सम्मान देने हेतु पहली बार सम्मान – पेंशन की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि झारखण्ड आंदोलनकारियों को प्रतिमाह तीन से पांच हजार रुपये पेंशन दी जा रही है। आयोग द्वारा दूसरे आंदोलनकारियों को भी चिन्हित करने की भी प्रक्रिया जारी है।
रघुवर दास ने कहा कि 28 दिसंबर 2014 को जनता ने मुझे राज्य की सेवा की जिम्मेदारी सौंपी, तबसे लेकर आजतक सवा तीन करोड़ जनता की सेवा में लगा हूं। मैं आंकड़ों की बात नहीं करुंगा लेकिन ये जरुर कहूंगा कि आज न सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर में झारखण्ड की छवि बदल चुकी है। ईमानदारी और सेवा मेरे खून में है और मैं आपसे वादा करता हूं कि चाहे कुछ हो जाए, आपका सिर हमेशा गर्व से ऊंचा रहेगा। आज आप पूरी दुनिया में डंके की चोट पर कह सकते हैं कि झारखण्ड सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं हैं, आपका मुख्यसेवक कल भी बेदाग था,आज भी बेदाग है और कल भी बेदाग ही रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड की मूलभूत समस्याएं सड़क, बिजली, पेयजल, शिक्षा एवं आधारभूत संरचना एवं बेरोजगारी की ओर ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया था कि 2019 तक पूरा देश खुले से शौच मुक्त हो जाए लेकिन सवा 3 करोड़ झारखण्डवासियों के लिए ये गर्व की बात है कि एक साल पहले ही हम अपनी झारखण्ड की बहनों सखी मंडल, जल सहिया और रानी मिस्त्री दीदीयों के कारण आज ओडीएफ घोषित हो गए। आज हमारे तीन जिले देवघर, हजारीबाग और लोहरदगा पूर्ण रुप से विद्युतीकृत हो गए हैं। चार जिलों में हम पहले ही हर घर तक बिजली पहुंचा चुके हैं। दिसंबर 2018 तक राज्य का हर कोना बिजली से रोशन होगा। ये हमारा वादा है, ये हमारा संकल्प है। राज्य के घर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। बिजली के क्षेत्र में पिछले चार साल में 117 नए सब स्टेशन, 40 ग्रिड सबस्टेशन का निर्माण कराया है। ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सुधारने के लिए 1 लाख 41 हजार 976 किलोमीटर डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का काम खत्म हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन भी एक बड़ा मुद्दा था। हमारी सरकार आने के साथ ही पतरातू थर्मल पावर प्लांट और एनटीपीसी के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर 4000 मेगावाट बिजली के उत्पादन की दिशा में कार्रवाई हो रही है। हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि 2019 तक 114 ग्रिड हम बनाएंगे और उस दिशा में काम हो रहा है। 2019 में 24*7 बिजली चाहे वो गांव हो या शहर, इस लक्ष्य के साथ हमारी सरकार काम कर रही है। हमने जो किया है वो आपके सामने है और जो कर रहे हैं वो आपसे छिपा नहीं है। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में दिखने लगते हैं। गांव-गांव, शहर- शहर, जन-गण मंगल के स्वर में झारखण्ड के विकास के गीत गाए जा रहे हैं। झारखण्ड का विकास एक सच्चाई है जिसे अब पूरा देश मान रहा है।
आज विकास वृद्धि दर में झारखण्ड पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में आपका अपना झारखण्ड देश में चौथे नंबर पर है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के मामले झारखण्ड पूरे देश में नंबर 1 है। अबतक हम 32 लाख से ज्यादा झारखण्डवासियों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवा चुके हैं। अभी तक 1 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है जिसमें से 95 फीसदी से ज्यादा लोग झारखण्डवासी हैं। सखी मंडल के माध्यम से 16 लाख बहनों को स्वरोजगार,मुद्रा लोन के जरिए साढ़े चौदह लाख, कौशल विकास के जरिए 90 हजार से ज्यादा और मोमेंटम झारखण्ड के जरिए 50 हजार प्रत्यक्ष तथा डेढ़ लाख अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं। 12 जनवरी 2019, राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर हमारी सरकार ने लक्ष्य तय किया है कि निजी क्षेत्र में 1 लाख रोजगार देना है । और अभी तक हम 25 हजार नौजवानों को निजी सेक्टर में रोजगार दे चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि झारखण्ड में डबल इंजन की सरकार है, जिसका एक इंजन दिल्ली में है तो दूसरा झारखण्ड में। डबल इंजन का फायदा हमें हर क्षेत्र में मिल रहा है। हमें केंद्र सरकार का पूरा समर्थन मिला। केंद्र की योजनाओं को ईमानदारी से हमारी सरकार ने लागू किया। चार वर्ष की इस अवधि में हमने लोकहित के कार्यों में कार्यपालिका को सक्रिय किया। प्रधानमंत्री ने खुद झारखण्ड आकर राज्य को 30 हजार करोड़ रुपए की सौगात दी। देवघर में एम्स और एयरपोर्ट, पतरातू पावर प्लांट और सिंदरी में खाद कारखाना बनने से न सिर्फ राज्य का विकास होगा बल्कि बड़ी तादाद में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। भगवान बिरसा मुंडा की धरती से दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभांरभ भी रांची से ही हुआ। झारखण्ड के कुल 68 लाख परिवारों में से 57 लाख गरीब परिवारों का प्रति परिवार 5 लाख रुपए का बीमा भी करवाया गया है। देवघर में एम्स, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और 108 फ्री एंबुलेंस सेवा। हाल ही में कांके में कैंसर अस्पताल का शिलान्यास टाटा ट्रस्ट के सहयोग से हुआ है। 2020 तक ये अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बात अगर शिक्षा की हो तो राज्य में शिक्षा की स्थिति अच्छी नहीं थी। स्कूलों में आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं थी। शिक्षकों की काफी कमी थी। लेकिन अब हमारे बच्चे बोरे पर बैठकर नहीं पढ़ते। हमने सिर्फ चार साल में 27 हजार से ज्यादा स्कूलों में बेंच डेस्क लगवा दिए हैं। किसान हमारे अन्नदाता हैं और उन्हें कोई परेशानी हो ये मुझे मंजूर नहीं है। किसानों की किसी परेशानी को दूर करने के लिए 24 घंटे की किसान हेल्पलाइन काम कर रही है। साथ ही हम लगातार अपने किसान भाई बहनों को कृषि की उन्नत तकनीक सीखने के लिए इजरायल भी भेज रहे हैं। महिला सशक्तिकरण हमारे लिए सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि हमारी विचारधारा है। झारखण्ड देश का पहला राज्य है जहां महिलाओं के नाम पर 50 लाख तक की जमीन या मकान की रजिस्ट्री सिर्फ एक रुपए में होती है। अबतक इसके तहत 1 लाख 10 हजार से ज्यादा महिलाएं मकान मालकिन बन चुकी हैं। झारखण्ड की आत्मा हमारे आदिवासी समाज की संस्कृति और पंरपरा है। अब झारखण्ड में अगर कोई भोले-भाले आदिवासी भाइयों-बहनों को जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने की कोशिश करेगा तो उसे 4 साल की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान है।
झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न क्षेत्रों में झारखंड में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करनेवाले 10 लोगों को सम्मानित किया। बलमदीना तिर्की, गेतलसूद रांची को आजीविका पशु सखी, डॉ. सुरेश्वर पाण्डेय, रांची को चिकित्सा के लिए, डॉ. गिरिधारी राम गौंझू, खूंटी को जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के लिए, केडिया बंधु, गिरिडीह को सरोद एवं सितार वादन के लिए, बिरसा मुण्डा, खूंटी को प्रगतिशील कृषक के लिए, पैन आईआईटी एलुमनी रीच फॉर झारखंड (प्रेझा) फॉउन्डेशन, रांची – कौशल विकास के लिए, अमिताभ मुखर्जी, रांची को मूर्ति कला के लिए, गुमला ग्रामीण पॉल्ट्री स्वावलंबी सहकारी समिति, गुमला को महिला स्वावलंबन के लिए, मधुमिता कुमारी, सिल्ली, रांची को तीरंदाजी के लिए, निक्की प्रधान, खूंटी को हॉकी के लिए सम्मानित किया गया।