पुराने समय में हमारे देश में राजा महाराजाओं की हुकुमत चला करती थी। उनकी कही हुई बात को लोग भगवान के आदेश के समान मानते थे। आजकल ऐसी बातें सुनने में कहानी की तरह लगती हैं लेकिन आज के जमाने में हमारे देश में आज भी एक ऐसी जगह है,जहां लोग पुराने समय के राजा का आदेश मान रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिला से करीब 35 कि.मी की दूरी पर बसे छिंदगांव में लोग 10वीं शताब्दी की कुछ मूर्तियों को छूने से परहेज करते हैं। जो कि शिव मंदिर में हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि आज से करीब 70 साल पहले उनके राजा ने इन मूर्तियों कोे न छूने का फरमान सुनाया था। जिसके चलते लोग इस आदेश की पालना आज भी कर रहे हैं।
इस मंदिर में राजा की आज्ञा की तख्ती आज भी टंगी हुई है। यहां पर भगवान नरसिंह,नटराज और माता कंकालिन की बहुत पुरानी मूूर्तियां हैं। यहां के लोग अपने बस्तर राजा को मां दंतेश्वरी की माटी का पुजारी मानते थे और उनकी कही हुई बात को भगवान का आदेश समझते थे। लोगों का मानना है कि अगर वह इनको गलती से भी छू लेंगे तो यह अभिशाप के समान होगा। लोग इन मूर्तियों को न तो संग्रहालय में रखने देते हैं और न ही खुद इनको हाथ लगाते हैं।