आठ महीने ठण्ड पड़ने के कारण कोट . पेंट पहनना उनकी विवशता है ए और शादी बाले दिन भरी गर्मीं में कोट . पेंट डाल कर बरात लेकर जाना हमारी मुर्खता है ।’
काले कपड़े ऊष्मा के अच्छे सुचालक होते हैं इसलिए यूरोपियन देशों में वकील काले कोट पहनते हैं यह उनकी विवशता है ए लेकिन भारत में प्रचंड गर्मी में काला कोट पहनना हमारी मूर्खता है ।’
ताजा भोजन उपलब्ध ना होने के कारण यूरोप सड़े हुए आटे से पिज्जाए बर्गरए नूडल्स आदि खाना युरोप की विवशता हैए और हम लोग 56 भोग छोड 400ध्. की सढी रोटी ;पिज्जा द्ध खाना हमारी मुर्खता है ।’
ताज़ा भोजन की कमी के कारण फ्रीज़ का इस्तेमाल करना यूरोप की विवशता है ए और रोज दो समय ताजी सब्जी बाजार में मिलनें पर भी हफ्ते भर की सब्जी मंडी से लेकर फ्रीज में ठूंस . ठूंसकर सड़ा . सड़ा कर उसे खाते हैं यह हमारी मुर्खता है !’
जड़ी बूटियों का ज्ञान ना होने के कारणण्ण्ण् जीव जंतुओं के हाड़ . मॉस से दवाये बनाना उनकी विवशता है ए और आयुर्वेद जैसा महान चिकित्सा ग्रंथ होनें के बाउजूद उन हाड़ . मांस की दवाईयां उपयोग करना हमारी महांमुर्खता है ।’
पर्याप्त अनाज ना होने के कारण जानवरों को खाना उनकी विवशता और 1600 किस्मों की फसलें होनें के बाबजुद जीभ के स्वाद के लिऐ किसी निरिह प्राणी को मारकर उसे खाना हमारी मुर्खता है ।’
लस्सीए दूधए जूस आदि ना होने के कारण कोल्ड ड्रिंक को पीना उनकी विवशता है और 36 तरह के पेय पदार्थ होते हुऐ भी इस कोल्ड ड्रिंक नामक जहर को पीकर खुद को आधुनिक समझ कर इतराना हमारी महां मुर्खता है !’
पेड़ .पौधे ए वनस्पतियों की अपेक्षा रासायनिक प्रक्रिया द्वारा टूथ पेस्ट बनाना ए ठंड से त्वचा के लिए क्रीम लगाना उनकी विवशता है लेकिन पर्याप्त वनस्पतियों के बाउजूद कृतिम साधनों को अपनाना हमारी मूर्खता है ।’
घुटने ना मुड़ने के कारण कंबोर्ड सीट पर बैठना उनकी विवशता है ए लेकिन जमीन पर बैठकर भोजन ना करना उकड़ू बैठकर शौच ना करना हमारी मूर्खता है ।’
मजदूरों की कमी के कारण मशीनों के द्वारा फैक्ट्री चलना उनकी विवशता है और मजदूरों की भरमार होते हुऐ भी मशीनें लगाना देश में बेरोजगारी का स्तर बढाना हमारी मुर्खता है !’
मुँह की असमर्थता के कारण संस्कृत ना बोल पाना और जोड़ तोड़ वाली अंग्रेजी से काम चलना उनकी विवशता लेकिन महान संस्कृति भाषा को छोड़ना हमारी मूर्खता है ।’
गुड़ खांड ना बना पाने के कारण चीनी का इस्तेमाल करना उनकी विवशता है लेकिन हम अपने जलवायु के विपरीत चीनी रिफाइंड खाकर रोगी हो रहे हैं यह हमारी मूर्खता है ।’
असभ्य लालची संस्कार विहीन व स्वार्थी स्वभाव के कारण माँ बाप से अलग रहना उनके साथ दुर्व्यवहार करना।’
क्या हम भारतियों को ये सब करने की जरुरत है
मेरा भारत महान था महान है’ किंतु महान तब रहेगा जब इस देश के वासी ऐसी मूर्खताओं को त्याग कर अपने देश की महानता को समझेंगे
भारतीय संस्कृति की जय’
दिनेश चंद