केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास(स्वतंत्र प्रभार) प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिक,जन शिकायत और पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र(एनईआर) के विकास और प्रगति को अत्यधिक महत्व दिया है। श्री जितेंद्र सिंह आज संयुक्त राष्ट्र संघ अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित “पूर्वोत्तर युवा और छात्र शांति सभा” को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन वैश्विक शांति संघ(यूपीएफ) ने नेतृत्व में यूथ एंड स्टूडेंट फॉर पीस-इंडिया औऱ पूर्वोत्तर सांसद संघ ने किया था।
डॉ.जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पहले जहां पूर्वोत्तर भारत को मुख्य धारा में लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था अब पूरे भारत को पूर्वोत्तर के निकट लाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इससे क्षेत्र के विकास और अखंडता में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने दिल्ली और देश के अन्य भागो में पढ़ने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र के विद्यार्थियो की सुरक्षा के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हाल ही में बैंग्लौर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली पूर्वोत्तर क्षेत्र की छात्राओ के लिए छात्रावास का उद्घाटन किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले पूर्वोत्तर राज्य के विद्यार्थियो के लिए छात्रावास बनाने का कार्य शुरू किया गया है। इससे साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानो में पढ़ने वाले छात्रो के लिए रोहिणी में एक अन्य छात्रावास का निर्माण भी किया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 40 वर्ष से कम आयुवर्ग की है। देश के युवाओ में अद्भुत सामर्थ्य और क्षमता है, जिसे उचित दिशा देने की आवश्यकता है। देश की इस अपार युवा शक्ति ने खुद को निर्णायक शक्ति सिद्ध किया है। आज प्रौद्योगिकी के कारण युवाओ की संभावनाओ में बदलाव हुए हैं और अब सभी पृष्ठभूमि के युवा प्रतिष्ठित परीक्षाएं उत्तीर्ण कर रहे हैं। उन्होंने युवाओ को पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्टार्ट-अप के लिए वेंचर निधि द्वारा व्यापक संभावनाओ का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। पूर्वोत्तर क्षेत्र सभी के लिए पसंदीदा स्थान बन चुका है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन, हथकरघा और अन्य क्षेत्रो में अभी अपार संभावनाएं बची हुए हैं,जिन्हें युवाओ को खोजना चाहिए। केंद्र सरकार ने एक्ट ईस्ट नीति को प्राथमिकता दी है और इन पडोसी देशो से निकटता के कारण पूर्वोत्तर राज्यो को इसका लाभ मिलेगा। इससे न सिर्फ पूर्वोत्तर, बल्कि पूरा भारत संपन्न होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओ से काफी कुछ सीखना बाकी है और वो जीवन के हर क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। पहले विकास के लिए संपर्क एक बाधा हुआ करता था, लेकिन अब सरकार ने रेल,सड़क और वायुसेवा संपर्क को प्राथमिकता दी है। इसने भौगोलिक दूरी कम होने के चलते मनोवैज्ञानिक अवरोध को दूर किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने को प्रोत्साहित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रथम कार्यकाल के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र के 30 से अधिक दौरे किए थे।
इससे पूर्व समारोह का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में केंद्रीय युवा मामले और खेल(स्वतंत्र प्रभार) और अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री किरन रीजिजू ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका समाज और इसके कल्याण के प्रति योगदान करना है। इन कार्यक्रमो की सफलता के लिए युवाओ की भागीदारी बहुत आवश्यक है। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि हम समाज के अलग-अलग वर्गो से हैं। लेकिन हमें एकजुट रहना होगा और शांति के प्रति प्रयास करने होंगे। श्री रीजिजू ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ में ओर अधिक स्वंयसेवक भेजने होंगे और इसके कार्यक्रमो के प्रति ओर अधिक योगदान करना होगा। युवा समाज के सबसे अहम कड़ी है। युवा जनसंख्या हमारी सबसे महत्वपूर्ण संपदा है और हमें उनकी ऊर्जा को उचित दिशा में प्रयोग करना चाहिए।