महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (मुख्यालय) ने आज फर्जी आईजीएसटीरिफंड दावों के मामलों में दो लोगों को गिरफ्तार किया है डीजीजीआई (मुख्यालय) के बयान के अनुसार,इलाहाबाद बैंक, पश्चिम विहार, नई दिल्ली से जानकारी प्राप्त होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। मोनल एंटरप्राइजेज एवं अन्यकी 4 प्रोप्राइटरशिप फर्मों के खातों में संदिग्ध लेनदेन देखा गया था। खाता खोलने के तुरंत बाद बिना किसी पूर्व व्यापार लेनदेन के इतिहास के उन्होंने बड़ी मात्रा में आईजीएसटीरिफंड प्राप्त किया है। इसके अलावा इन बैंक खातों में जमा किए गए रिफंड को जल्दी-जल्दी निकाला या/ स्थानांतरित किया गया है। इस जानकारी के आधार पर डीजीजीआई (मुख्यालय) ने यह सत्यापित किया कि इन फर्मों के पते या तो मौजूद नहीं थे या फर्म इन दिए गए पते पर काम नहीं कर रही थी।
आगे जांच में यह भी पता चला कि उक्त 4 फर्में बेनामी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज थीं। जिनके पहचान दस्तावेज फर्जी तरीके से बैंक खाता खोलने और जीएसटी पंजीकरण के लिए प्राप्त हुए थे। यह पता चला है कि उक्त 4 फर्मों ने किये निर्यात दावों के सापेक्ष न कोई खरीददारी की और न ही कोई निर्यात प्रक्रिया की गई है। ई-वे बिल डेटा से भी यह पता चला है कि सामानों की कोई आवाजाही नहीं हुई है। इन 4 फर्मों ने फर्जी चालान के आधार पर आईजीएसटीरिफंड का लाभ उठाया था।
यह भी पता चला कि इस फर्जीवाड़े का मास्टर मांइड रमेश वढेरा है जो इन फर्जी फर्मों को मुकेश कुमार की मिलीभगत और सक्रिय भागीदारी के साथ संचालित करता था। यह पता चला है कि इन दो व्यक्तियों द्वारा इसी तरह की 10 और फर्जी/ धोखाधड़ी फर्में संचालित की जा रही हैं। इन दोनों को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 69 के साथ पठित आईजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 20 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।