नई दिल्ली। कर्नाटक में नई राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस के 9 और जेडीएस के 3 विधायक स्पीकर से मिलने पहुंचे हैं. आशंका है कि कांग्रेस-जेडीएस के 12 एमएलए इस्तीफा दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के लिए यह बड़ा झटका होगा।
इस संकट के मद्देनजर कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल बेंगलुरु पहुंच रहे हैं। बता दें कि अगर इन विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बन सकती है।
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल कर्नाटक में 17 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दे सकते हैं। इससे पहले ही कर्नाटक के विजयनगर के कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार को इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों की संख्या लगातार घट रही है. कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं, बहुमत के लिए 113 विधायक चाहिए। फिलहाल बीजेपी के 105 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस के पास स्पीकर को मिलाकर 80 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। इस तरह से दोनों के पास कुल 117 विधायक हैं। बीएसपी और निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं।
अब अगर आज 12 विधायक स्पीकर को इस्तीफा सौंप देते हैं तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 70 हो जाएगी और वहीं जेडीएस के विधायकों की संख्या 34 हो जाएगी यानी दोनों के विधायक मिलाकर 105 होंगे। दो बीएसपी और निर्दलीय विधायक को जोड़ भी देते हैं तो 106 विधायक ही होंगे।
इस हालात को देखते हुए साफ है कि बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने की उम्मीद बढ़ जाएगी। राज्य में बड़ा सियासी उलटफेर हो जाएगा। वहीं जेडीएस-कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे से कुमारस्वामी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। फिलहाल ऐसी स्थिति बनती हुई दिख रही है कि कुमारस्वामी बहुमत से नीचे आ रहे हैं और बीजेपी अपनी सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली है।