समाज के लिए प्रेरणादायी हैं
रामकरण पूनम प्रजापति(यथार्थ)
श्योपुरा(सूरतगढ़,राजस्थान) के भादर राम टाक की उम्र अस्सी से उपर हो गयी है मगर आज भी वे खेतो में सब काम अपने हाथो से करते हैं।30किमी पैदल सूरतगढ़ जाकर पढने वाले भादर राम टाक ने सन 1947की भारत पाक लड़ाई में भी अनेक सेनिको की मदद भी की थी। सन 1961-62में भारत -पाक युद्ध में भी उन्होंने असहाय सेनिको को अनाज दिया था सहयोग और दान स्वरूप।
वर्तमान मेवे श्योपुरा के शिव मन्दिर और गायो के लिए तुड़ी/हरा चारा की व्यवस्था भी करते हैं। सुबह होते वे आवारा गायो को चारा और कुत्तों को रोटी डालते हैं। मन्दिर जाते हैं। 5जमात पढ़े भादर राम आज भी रामायण महाभारत और भीम राव अम्बेडकर की पुस्तके पढ़ते हैं।
उन्होंने अपने जीवन में कर्म को महत्व देते हुए अपने खेतो के रेत के टिब्बों को अकेले ही अपने दम पर रफूचक्कर कर दिया। वे बताते हैं यहाँ लगभग 30-30फिट ऊँचे टिब्बे होते थे और खेती नाम की चीज नही होती थी। उन्होंने ऊंट की मदद से फिर ट्रेक्टर की मदद से सारे टिब्बे और उनकी रेत हटाई।
शुरू से ही शिक्षा के प्रति रुझान होने के कारन अपने छ:बेटों को भी खूब शिक्षा दिलाई ।शिक्षा की बदोलत आज उनके तिन बेटे सरकारी सेवा में उच्च पदों पर आसीन हैं। एक बेटे को उन्होंने किसान बनाया ।आज भी जब भी मेहनत और किसान का जिक्र आता ह तो सूरतगढ़ चेत्र में भादर राम टाक का जिक्र हर कोई गर्व से करता है।
उन्होंने कहा की शिक्षा केवल किताबें पढना ही नही कोई नोकरी लगना ही नही शिक्षा को गुणना जरूरी है। उसे धारण करना जरूरी है। आज उनके पास ज्यादातर जमीन पानी से सिंचित हो रहो ह इसकी वजह ये हैं उन्होंने टिब्बो को मेहनत से समतल कर और उठवा कर सोलर सिस्टम,पानी की डिग्गी और भूमिगत कुआँ लगवा लिया जिसकी बदोलत आज फव्वारा सिस्टम से पानी पुरे टिब्बे के अंतिम छोर तक पहुंच जाता ह। आसपास क्र जागरूक किसान इस बुजुर्ग के हुनर को देखने आते हैं। उन्होंने बताया इस सम्पूर्ण योजना में सामाजिक कार्यकर्ता रामकरण पूनम प्रजापति द्वारा दी गयी योजनो की जानकारी,कृषि पर्वेक्षक और कृषि विभाग द्वारा योजनाओ का लाभ और जागरूक किसानो और शिक्षा का अहम योगदान रहा है। सामान्य मिलन सार और धार्मिक प्रवृति के भादर राम टाक आज भी युवाओ और नव पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके पौते भी इनसे प्रेरणा लेकर मदद करते हैं। इस भूमिपुत्र को मिशन पॉजिटिव इंडिया सलाम करता हैं।।