केरल में राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एनआइए) के एक अधिकारी के अनुसार, याहिया और ताहिर सितंबर 2014 में पलक्कड़ के 26 युवकों के साथ लापता हो गए थे। दोनों इस्तांबुल होते हुए सीरिया पहुंचे। वहां से याहिया को कुछ अरसा पहले आइएस ने नांगरहार भेज दिया था। याहिया के परिजनों ने स्थानीय पुलिस को बताया है कि उसकी मौत की सूचना लापता होने के बाद नांगरहार पहुंचे अन्य एक युवक अशफाक मजीद कल्लूकेट्टिय पुरायिल ने वाट्सऐप पर भेजी। याहिया के बारे में परिवार वाले मान रहे थे कि वह यहूदी बन गया है। अशफाक ने अपने संदेश में कहा कि याहिया अमरीकी सेना से लड़ते हुए मारा गया है। अशफाक ने और जानकारी मांगे जाने पर कोई जवाब नहीं भेजा।
याहिया के पिता विंसेंट ने पुलिस को बताया है कि एक साल पहले उसने अपना धर्म बदला था। इसाई धर्म के बेस्टिन ने इस्लाम कबूल कर लिया था और उसके बाद अपनी पत्नी मरियम उर्फ मेरिन व बड़े भाई ईसा उर्फ बेक्सन और भाभी फातिमा के साथ लापता हो गया था। सीरिया में मारे गए ताहिर के बारे में दोहा में रह रहे उसके परिजनों को कुछ अनजान लोगों ने जानकारी दी। ताहिर ने पलक्कड़ के एक दैनिक में कुछ दिन काम करने के बाद आतंकवाद की राह पकड़ ली। एक पखवाड़ा पहले अफगानिस्तान में अमरीकी हवाई हमले में पडन्ना का रहने वाला मुर्शीद मोहम्मद मारा गया था।